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दिलों की नई कहानी – भाग 1

Love Stories in hindi
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New Story of Love Part 1

love-wallpaperयूं तो प्यार की हर कहानी एक जैसी होती है पर कुछ कहानियां ऐसी होती है जिनका असर सबपर पड़ता है. ऐसी ही एक कहानी है निशा, ललित और दया की. पात्रों के नाम काल्पनिक है पर कहानी वास्तविक है. असली जिंदगी में भी ऐसे पात्र मिल जाते है सोचकर विश्वास नहीं होता पर कहते है न प्यार ऐसी बला है जो कुछ भी करा देती है. प्यार आग में चलने की ताकत दे देती है और गम में भी मुस्कराने की मजबूर कर देती है. पर कभी कभी प्यार के बीच ऐसे रिश्ते बनते है जो बेहद अजीब होने के साथ जिंदगी की एक ऐसी कड़वी तस्वीर हमारे सामने रखती है जिसे सही मान पाना हमारे लिए नामुमकिन होता है.


चलिए प्यार क्या है कैसे होता है, क्यूं होता है इस सब के बारें में तो यहां सभी लिख रहे है पर प्यार में कैसे कैसे दौराहे आ जाते है उसको में अपनी कहानियों से दर्शाने की कोशिश कर रहा हूं.


कहानी निशा की है. एक सीधी साधी लड़की जिसकी जिंदगी में कई उतार चढ़ाव है. उसके पिता कार चलाते है जो की ट्रांस्पोर्ट के काम में लगी हुई है. घर आराम से चलता है. 12वीं पास करने के बाद निशा एक जगह जॉब करने लगती है. घर वालों के मना करने के बावजूद भी वह सेल्फ रिस्पेक्ट के लिए ऐसा करती है. इसी दौरान उसे अपने मोहल्ले में रहने वाले  ललित से प्यार हो जाता है. प्यार उसकी जिंदगी में सपनों का नया मुकाम लेकर आता है. ललित और निशा चोरी चोरी अपने प्यार को आगे बढ़ाते है. ललित कॉलेज जाता है तो निशा बालकनी में आकर उसे निहारते हुए निगाहों से टाटा बाए बाए कहती है और शाम को जब निशा ऑफिस सॆ आती है तो मोहल्ले के गेट पर ललित अपनी निगाहे बिछा उसका स्वागत करता है.


इसी तरह दोनों का प्यार सबकी नजरों से छुपछुपा कर आगे बढ़ता है. उनका प्यार जमाने के प्यार की तरह नहीं होता. उनके बीच सिर्फ प्यारी बातें होती है और मिलने की इच्छा दिल के कोने में होती है. कभी कभार अकेले मिल भी जाएं तो दोनों अपनी सीमाओं में ही रहते है. ऐसे में एक दिन ललित की बहन की शादी होती है. निशा पहली बार साड़ी पहनती है जिसे देख ललित का दिल बहुत हिचकौले खाने लगता है.

love_quotes_02ललित उस दिन पहली बार निशा के कोमल गालों को छुता है. उसका यह स्पर्श निशा के दिल में हमेशा हमेशा के लिए बस जाता है. ललित की बहन की शादी के बाद उसकी भी शादी तय कर दी जाती है. यह सुन निशा के कदमों तले से जमीन खिसक जाती है. उसे समझ नहीं आता क्या करें. ललित ने जो उसे इतना प्यार दिया उसे भूल जाए या कोई और रास्ता निकाले.


घर से भागकर शादी करने का भी विचार दोनों के दिमाग में आता है पर दोनों अपने दिलों के गेट पर ताले लगा कर जिन्दगी में सफर में आगे बढ़ने का सोचते है. ललित की शादी हो जाती है और निशा अपनी जॉब में दिल लगाकर काम करने लगती है. पर दिल जब एक बार किसी से लग जाता है तो उसे छोड़्ना नामुमकिन हो जाता है. शादी के कुछ दिनों बाद ही ललित दुबारा निशा से बात करने लगता है. निशा को भी इसमें बुरा नहीं लगता. उसे तो बस प्यार से मतलब हैं.

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